कायमगंज में सड़क हादसे से घायल किसान नेता की मौत; शव रखकर ग्रामीणों का हंगामा, 50 लाख मुआवजे की मांग

जनपद फर्रुखाबाद में कायमगंज में एक सप्ताह ( 28 नवंबर की रात) पहले हुए सड़क हादसे में घायल किसान नेता गिरीश चंद्र शाक्य की कानपुर के हैलेट अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। किसान नेता के निधन की खबर मिलते ही गांव सत्तारनगर और आसपास के क्षेत्रों में शोक के साथ गुस्सा फैल गया। ग्रामीणों ने यूनियन नेताओं के साथ मिलकर मौत की जांच और मुआवजे की आवाज तेज कर दी।

कायमगंज
कायमगंज

शव पहुंचते ही ग्रामीणों का धरना, सड़क पर जमा भीड़

शुक्रवार देर शाम जैसे ही गिरीश चंद्र शाक्य का शव गांव पहुंचा, ग्रामीणों और भारतीय किसान यूनियन (अखंड प्रदेश) के कार्यकर्ताओं ने शव को धरना स्थल पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने समय पर कार्रवाई नहीं की, जिसकी वजह से गिरीश की जान नहीं बच सकी।

कायमगंज
मृतक किसान नेता गिरीश चंद्र शाक्य की फाइल फोटो

प्रशासन मौके पर पहुंचा, यूनियन नेताओं ने सौंपा मांग पत्र

शनिवार सुबह सूचना मिलते ही एसडीएम कायमगंज अतुल कुमार सिंह, सीओ राजेश कुमार द्विवेदी, और प्रभारी निरीक्षक मदन मोहन चतुर्वेदी मौके पर पहुंचे। यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय सोमवंशी, प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह सोमवंशी और जिला अध्यक्ष देवेंद्र राजपूत ने मुख्यमंत्री को संबोधित मांग पत्र सौंपा। इसमें 50 लाख रुपये मुआवजा, मृतक की पुत्रियों की निशुल्क शिक्षा, और परिवार को सरकारी सहायता देने की मांग की गई।

कायमगंज
कायमगंज

15 दिन की चेतावनी, नहीं हुआ समाधान तो लखनऊ मार्च

किसान नेताओं ने प्रशासन को 15 दिन की मोहलत दी और चेतावनी दी कि यदि मांगे पूरी नहीं हुईं तो वे लखनऊ पहुंचकर मुख्यमंत्री से मिलकर बड़ा आंदोलन करेंगे। एसडीएम ने आश्वासन दिया कि मामले को तत्काल उच्च अधिकारियों तक भेजा जाएगा और परिवार की हर संभव मदद की जाएगी।

कायमगंज
Oplus_16908288

अंतिम संस्कार के लिए सहमति, गांव में शोक

प्रशासन के आश्वासन के बाद परिजनों और यूनियन नेताओं ने अंतिम संस्कार के लिए सहमति दी। मृतक किसान नेता गिरीश चंद्र शाक्य का अंतिम संस्कार शमशाबाद ढाई घाट पर किया गया। उनकी मौत से पूरा क्षेत्र दुखी है और ग्रामीण अब भी न्याय और उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

Leave a Comment

और पढ़ें

error: Content is protected !!